राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने देशभर के सभी मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा संस्थानों को निर्देश जारी किया है कि सभी मरीजों का पंजीकरण अब एबीएचए आईडी (Ayushman Bharat Health Account ID) के माध्यम से किया जाए। एबीएचए कार्ड में 14 अंकों का एक विशिष्ट पहचान संख्या (ABHA ID) होती है, जिसका उपयोग मरीजों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से प्रबंधित करने के लिए किया जाएगा।
एनएमसी ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाना, मरीजों का मेडिकल इतिहास एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराना और डिजिटल हेल्थ मिशन को मजबूत बनाना है। इसके माध्यम से डॉक्टर और अस्पताल किसी भी मरीज का पिछला उपचार रिकॉर्ड आसानी से देख सकेंगे, जिससे बेहतर और तेज इलाज संभव होगा।
हालांकि, आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन मरीजों के पास एबीएचए आईडी नहीं है, उन्हें किसी भी स्थिति में इलाज से वंचित नहीं किया जाएगा। मरीजों को इलाज प्रदान करने के बाद भी उनका पंजीकरण किया जा सकता है ताकि आपातकालीन स्थिति में किसी को असुविधा न हो।
और पढ़ें: पहलगाम हमले पर भारत का बयान झूठा: पाकिस्तान का आरोप
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है, क्योंकि इससे देशभर के अस्पतालों और क्लीनिकों में मरीजों के स्वास्थ्य डेटा को एकीकृत करना आसान होगा। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में भी मरीजों को सुविधा मिलेगी।
एबीएचए आईडी योजना को केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत शुरू किया था, जिसका उद्देश्य हर नागरिक का एकीकृत स्वास्थ्य खाता बनाना है। एनएमसी का यह निर्देश 2025 के अंत तक सभी मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य संस्थानों में लागू करने की योजना है।
और पढ़ें: असम की फिल्म अभिनेत्री नंदिनी कश्यप हिट-एंड-रन मामले में गिरफ्तार, युवक की मौत