नोएडा, उत्तर प्रदेश में बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) इन दिनों अत्यधिक दबाव में काम कर रहे हैं। FIR, तकनीकी बाधाएं और रोज़ाना के सख्त लक्ष्य उनके लिए गंभीर चुनौती बन गए हैं। 44 वर्षीय पूनम पाल, जो सेक्टर 82 की निवासी और 2005 से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं, बताती हैं कि रोज़ 50 घरों का लक्ष्य पूरा न होने या फॉर्म भरने में छोटी गलती होने का डर उन्हें हर दिन परेशान करता है।
पूनम पाल और अन्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के लिए BLO की भूमिका में लगाया गया है। ₹2,000 का भत्ता इनकी चिंता का कारण नहीं है, बल्कि FIR दर्ज होने और जेल भेजे जाने का भय उन्हें दिन-रात काम करने को मजबूर कर रहा है।
उन्होंने बताया कि “जब से BLO पर दर्ज FIR की बातें सुनी हैं, तब से हम सब बिना आराम किए समय पर लक्ष्य पूरा करने में जुटे हैं। इससे न तो अपने लिए और न ही परिवार के लिए समय बच पाता है।”
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चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित समयसीमा, मोबाइल ऐप के तकनीकी glitches, सर्वर डाउन जैसी समस्याएं BLO के लिए काम को और कठिन बना रही हैं। कई BLO बताते हैं कि फॉर्म अपलोड करने में घंटों लग जाते हैं और गलती की स्थिति में वरिष्ठ अधिकारी का दबाव बढ़ जाता है।
नोएडा प्रशासन का कहना है कि SIR प्रक्रिया को पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए सख्त कदम आवश्यक हैं, लेकिन BLO का कहना है कि बिना पर्याप्त प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता के इतने कठिन कार्यों को समय पर पूरा करना मुश्किल है।
कई BLO मानसिक तनाव और शारीरिक थकान की शिकायत कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें सहयोग और सुरक्षा की जरूरत है ताकि वे बिना भय के अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
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