मराठा आरक्षण पर जीआर के खिलाफ ओबीसी नेताओं का आंदोलन का अल्टीमेटम, भुजबळ जाएंगे कोर्ट
महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठा समुदाय को कुनबी (Kunbi) प्रमाणपत्र देने संबंधी शासन निर्णय (जीआर) के खिलाफ ओबीसी नेताओं ने विरोध तेज कर दिया है। उनका कहना है कि यह निर्णय ओबीसी आरक्षण को कमजोर करने वाला है।
राज्य के मंत्री और वरिष्ठ ओबीसी नेता छगन भुजबळ ने ऐलान किया है कि वे इस जीआर को अदालत में चुनौती देंगे। भुजबळ का कहना है कि आरक्षण का अधिकार किसी भी कीमत पर प्रभावित नहीं होना चाहिए।
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ओबीसी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो वे व्यापक आंदोलन शुरू करेंगे। उनका आरोप है कि मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र देना ओबीसी कोटे में अतिक्रमण का प्रयास है।
इसी बीच, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल से संपत्ति क्षति पर उनका पक्ष स्पष्ट करने को कहा है। अदालत ने पूछा है कि आंदोलन के दौरान हुई तोड़फोड़ और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान को लेकर वे क्या कदम उठाएँगे।
राज्य सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है, क्योंकि एक ओर मराठा समुदाय आरक्षण की मांग पर अडिग है, वहीं ओबीसी वर्ग इसे अपने अधिकारों पर सीधा हमला मान रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद सामाजिक और राजनीतिक टकराव को और गहरा कर सकता है।
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