पंजाब में राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) के उपयोग को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। विपक्षी दलों ने AAP सरकार पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए स्वतंत्र और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब केंद्र को पंजाब सरकार द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि 1 अप्रैल 2025 तक राज्य के SDRF खाते में 11,947.20 करोड़ रुपये की ओपनिंग बैलेंस मौजूद थी।
लोकसभा में कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी साझा की। विपक्ष ने इसे “विस्फोटक खुलासा” बताते हुए कहा कि यह AAP सरकार के दावों से बिल्कुल विपरीत है।
पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान लगातार दावा कर रहे थे कि 2022 से अब तक केंद्र से केवल 1,582 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए हैं, जबकि अब सामने आए आंकड़े बिल्कुल अलग तस्वीर पेश करते हैं। बाजवा ने आरोप लगाया कि यह अंतर वित्तीय कुप्रबंधन और तथ्यों को छिपाने की ओर संकेत करता है।
उन्होंने केंद्र से मिले 1,600 करोड़ रुपये के बाढ़ राहत पैकेज पर भी सवाल उठाए और कहा कि वास्तविक पीड़ितों तक राहत नहीं पहुंची। जालंधर के विधायक परगट सिंह और फगवाड़ा के विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल ने भी साफ-साफ पूछा कि इतनी बड़ी राशि का इस्तेमाल आखिर हुआ कहां। पारदर्शिता की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जनता को सच्चाई जानने का हक है।
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भाजपा नेता तरुण चुघ ने SDRF के “अपराधी दुरुपयोग और धन-विनियोजन” का आरोप लगाते हुए CBI जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समय पर की गई मदद के बावजूद AAP सरकार ने जनता को गुमराह किया और केंद्र के खिलाफ एजेंडा चलाया।
उन्होंने दावा किया कि SDRF में पड़े 11,947 करोड़ रुपये और केंद्र की ओर से अग्रिम रुपये जारी होने के बावजूद राज्य में राहत कार्यों का ठप रहना यह दर्शाता है कि यह प्राकृतिक नहीं बल्कि “मान-निर्मित आपदा” थी।
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