संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों के सांसदों ने विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया (Special Intensive Revision - SIR) के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और कई अन्य सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन करते हुए इस प्रक्रिया को “लोकतंत्र के खिलाफ” बताया।
प्रदर्शन कर रहे सांसदों के हाथों में बड़े-बड़े बैनर थे, जिन पर लिखा था: "Discussion not deletion" (चर्चा हो, नाम हटाना नहीं)। एक अन्य बैनर पर लिखा गया था: "SIR - Silent Invisible Rigging", यानी यह प्रक्रिया चुपचाप और अदृश्य रूप से मतदाता सूची में गड़बड़ी करने का एक तरीका है।
विपक्षी दलों का आरोप है कि SIR के तहत मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम हटाए जा रहे हैं, खासकर गरीब, दलित, आदिवासी और मुस्लिम समुदायों के लोगों के। उनका कहना है कि यह लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश है और चुनाव से पहले मतदाता अधिकारों को दबाने का प्रयास है।
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खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अगर सरकार को कुछ भी छिपाना नहीं है, तो वह इस पर संसद में चर्चा क्यों नहीं कर रही? SIR के नाम पर मतदाताओं को चुपचाप बाहर किया जा रहा है।”
विपक्षी सांसदों ने मांग की कि चुनाव आयोग इस प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण दे और केंद्र सरकार संसद में इस मुद्दे पर बहस कराए। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन इससे SIR को लेकर विपक्ष का रुख और सख्त होता दिखा।
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