संसद ने खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन से संबंधित विधेयक को पारित कर दिया है। यह विधेयक 12 अगस्त को लोकसभा में पारित हुआ, जिसका उद्देश्य खनन क्षेत्र में सुधार और संसाधनों के बेहतर दोहन को बढ़ावा देना है।
इस संशोधन विधेयक के तहत सरकार ने खनिज संसाधनों के कुशल उपयोग, पारदर्शिता बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के लिए कई प्रावधान किए हैं। विधेयक के माध्यम से खनन लाइसेंस और लीज़ की शर्तों में बदलाव किया जाएगा ताकि खनिज क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़े और निजी कंपनियों को भी अधिक भागीदारी का अवसर मिले।
विधेयक का मुख्य उद्देश्य खनन गतिविधियों को तेज गति देना और घरेलू उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति को स्थिर रखना है। साथ ही यह खनन क्षेत्र में आधुनिक तकनीक को अपनाने और पर्यावरणीय मानकों का पालन सुनिश्चित करने पर भी जोर देता है।
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केंद्रीय खनन मंत्रालय का कहना है कि संशोधित प्रावधानों के बाद खनिज उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। विधेयक को राज्य सरकारों के साथ समन्वय बढ़ाने तथा खनन परियोजनाओं की मंजूरी प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
यह संशोधन खनन उद्योग को अधिक प्रतिस्पर्धी और निवेशक-अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे भारत को वैश्विक खनिज बाजार में मजबूत स्थिति हासिल करने में मदद मिलेगी।
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