मणिपुर में एक मानवाधिकार संगठन ने म्यांमार के कूकी समुदाय से संबंध रखने वाले बंदियों को इंफाल केंद्रीय जेल से राज्य के कूकी-बहुल जिलों की जेलों में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। संगठन ने यह भी आग्रह किया है कि जिन बंदियों ने अपनी सजा की अवधि पूरी कर ली है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।
यह याचिका राज्य में जारी जातीय तनाव और सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए दायर की गई है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इंफाल में स्थित जेलों में कूकी समुदाय के म्यांमार नागरिकों को रखना उनके जीवन के लिए खतरा हो सकता है, क्योंकि हाल के महीनों में कूकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं।
संगठन ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह इन बंदियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करे, विशेष रूप से चुराचांदपुर, कांगपोकपी और अन्य कूकी-बहुल जिलों की जेलों में। साथ ही, यह भी कहा गया है कि जिन म्यांमार नागरिकों ने अपनी सजा पूरी कर ली है लेकिन अभी भी जेल में हैं, उनकी रिहाई में अनावश्यक देरी नहीं होनी चाहिए।
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संगठन ने इस मामले में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया है और कहा है कि राज्य सरकार को संवेदनशीलता और न्याय के साथ इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए, ताकि बंदियों के मूल अधिकारों की रक्षा हो सके।
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