प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि न्याय तभी समाज में सच्चा न्याय बनता है जब यह सभी के लिए सुलभ हो, समय पर प्रदान किया जाए और किसी भी व्यक्ति के सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना उसे मिल सके।
पीएम मोदी यह बात “कानूनी सहायता वितरण तंत्र को सुदृढ़ करने” के राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कही, जिसका आयोजन भारत के सर्वोच्च न्यायालय में किया गया। उन्होंने सम्मेलन में यह भी जोर दिया कि गरीब और जरूरतमंद तब तक न्याय नहीं पा सकते जब तक उन्हें अपने कानूनी अधिकारों और प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कानूनी जागरूकता और न्याय की समय पर उपलब्धता महत्वपूर्ण है। न्याय केवल तभी समाज में सच्चा प्रभाव डाल सकता है जब इसे लोगों की भाषा में समझाया जाए और इसे सीधे उनके तक पहुँचाया जाए।
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पीएम मोदी ने इस अवसर पर यह भी कहा कि सरकार और न्यायपालिका को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कानूनी सहायता तंत्र मजबूत हो और गरीब और वंचित वर्गों तक न्याय की पहुंच हो। उन्होंने कहा कि इससे न केवल सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि समाज में विश्वास और समानता की भावना भी मजबूत होगी।
सम्मेलन में न्यायालयों, सरकारी अधिकारियों, और कानूनी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। यह प्रयास न्याय प्रणाली को अधिक सुलभ, पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री के अनुसार, जब समाज के सभी वर्गों को न्याय का समान अवसर मिलेगा, तब ही देश में वास्तविक सामाजिक न्याय स्थापित हो सकेगा।
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