दिल्ली की प्रसिद्ध लव कुश रामलीला समिति ने अभिनेत्री पूनम पांडे को मंदोदरी की भूमिका से हटा दिया है। यह निर्णय विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उठाए गए कड़े विरोध और आपत्ति के बाद लिया गया।
सूत्रों के अनुसार, समिति ने पहले पूनम पांडे को इस वर्ष की रामलीला में मंदोदरी का किरदार निभाने के लिए चुना था। हालांकि, जैसे ही यह खबर सार्वजनिक हुई, धार्मिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने नाराजगी व्यक्त की। वीएचपी और भाजपा के नेताओं का कहना था कि पूनम पांडे का विवादास्पद अतीत और उनकी सार्वजनिक छवि इस पवित्र धार्मिक आयोजन के अनुकूल नहीं है।
विरोध बढ़ने के बाद समिति के आयोजकों ने बैठक कर निर्णय लिया कि पूनम पांडे को इस भूमिका से हटाया जाएगा और उनकी जगह किसी अन्य उपयुक्त कलाकार को चुना जाएगा। समिति ने कहा कि उनकी प्राथमिकता धार्मिक आस्था और परंपरा का सम्मान करना है।
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पूनम पांडे को लेकर पहले भी कई विवाद खड़े हुए हैं। सोशल मीडिया पर उनकी बोल्ड छवि और बयानों को देखते हुए रामलीला जैसे धार्मिक आयोजन में उनकी भागीदारी को लेकर भारी आलोचना हुई।
समिति ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी भी तरह की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था और सभी समुदायों के सहयोग से ही यह भव्य आयोजन हर वर्ष सफलतापूर्वक संपन्न होता है।
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