बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है। सियासी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025 को आरोप लगाया कि उनकी पार्टी, जन सुराज पार्टी, के तीन उम्मीदवारों ने भाजपा के “दबाव” में आकर अपने नामांकन वापस ले लिया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में किशोर ने कहा कि सत्ता में बैठे एनडीए चुनाव हारने से इतना डर गए हैं कि वे विपक्षी उम्मीदवारों को धमका रहे हैं और उन्हें चुनाव छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र की हत्या हो रही है। देश में इससे पहले ऐसा कोई उदाहरण नहीं है।” उन्होंने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि सभी उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने बताया कि जो उम्मीदवार चुनाव से बाहर हुए, वे दानापुर, ब्रह्मपुर और गोपालगंज सीटों से मैदान में थे। किशोर ने आरोप लगाया कि भाजपा ‘सूरत मॉडल’ दोहराने की कोशिश कर रही है, जहां उनके उम्मीदवार निर्विरोध जीत गए थे क्योंकि सभी अन्य नामांकनकर्ताओं को नामांकन वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया था।
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उन्होंने कहा, “भाजपा यह नहीं समझती कि देशभर के मतदाताओं ने इसे इसके इस रवैये के लिए सजा दी थी। इसके बावजूद पिछली लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 400 सीटों का दावा किया था, लेकिन केवल 240 सीटें जीत पाई।”
किशोर की पार्टी ने बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी। तीन उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने के बाद अब पार्टी केवल 240 सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी, क्योंकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि पहले ही समाप्त हो चुकी है।
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