भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओणम और मिलाद-उन-नबी के शुभ अवसर पर देशवासियों को हार्दिक बधाई दी। अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा कि ये त्योहार केवल धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि ये एकता, भाईचारे और आपसी सम्मान का प्रतीक है।
राष्ट्रपति ने विशेष रूप से यह संदेश दिया कि देश की विविधता में ही उसकी शक्ति है। उन्होंने कहा कि ओणम और मिलाद-उन-नबी के अवसर पर हम सभी को एक-दूसरे के धर्म और सांस्कृतिक परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। यह अवसर देशवासियों को अपने सामाजिक और सांस्कृतिक बंधनों को मजबूत करने का अवसर देता है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संदेश में उल्लेख किया कि इन पर्वों के माध्यम से हम दूसरों के प्रति करुणा, समानता और आपसी सहयोग की भावना को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की विविध संस्कृति और धार्मिक सहिष्णुता ही देश की पहचान है और हमें इसे बनाए रखना चाहिए।
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विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रपति के यह संदेश राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे संदेश समाज में सौहार्द्र और सामंजस्य बनाए रखने में मदद करते हैं।
राष्ट्रपति ने सभी भारतीयों से अपील की कि वे अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए सदैव सकारात्मक और सहिष्णु दृष्टिकोण अपनाएं। उनका यह संदेश सभी समुदायों को एक साथ जोड़ने का माध्यम बना।
राष्ट्रपति के इस पहलू ने पूरे देश में एक उत्साह और एकजुटता का भाव पैदा किया, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहारों का महत्व और भी बढ़ गया।
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