कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दिए गए अपने बयान पर माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने बयान में कुछ भी गलत नहीं कहा है और इसलिए माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं उठता। बुधवार को प्रतिक्रिया देते हुए चव्हाण ने कहा, “मैं माफी नहीं मांगूंगा। मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है और मुझे किसी तरह की सफाई देने की जरूरत नहीं है।”
दरअसल, पृथ्वीराज चव्हाण ने हाल ही में कहा था कि मई में पाकिस्तान के साथ हुई सैन्य कार्रवाई के पहले ही दिन भारत को “हार का सामना करना पड़ा।” इस टिप्पणी के बाद राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली और विपक्षी दलों तथा सत्तारूढ़ पक्ष की ओर से उनके बयान की आलोचना की गई। कई नेताओं ने इसे सेना और देश का अपमान बताते हुए उनसे माफी की मांग की।
हालांकि, चव्हाण अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं था, बल्कि घटनाक्रम का राजनीतिक और रणनीतिक विश्लेषण करना था। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में सवाल उठाना और आलोचनात्मक दृष्टिकोण रखना गलत नहीं है।
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कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है और इसे राजनीतिक विवाद बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय हितों के खिलाफ कभी नहीं बोल सकते और न ही उन्होंने ऐसा कुछ कहा है।
इस बीच, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। सत्तारूढ़ दल ने कांग्रेस पर देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर गैर-जिम्मेदाराना राजनीति करने का आरोप लगाया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी का कहना है कि सवाल उठाने और जवाब मांगने का अधिकार विपक्ष का संवैधानिक दायित्व है।
पृथ्वीराज चव्हाण का यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारत-पाकिस्तान संबंधों और सीमा पार तनाव को लेकर देश में पहले से ही संवेदनशील माहौल बना हुआ है। ऐसे में इस मुद्दे पर राजनीतिक टकराव और तेज होने के आसार हैं।
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