पूर्व FICCI अध्यक्ष और भारतीय मेटल्स एंड फेरो एलॉयज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, सुब्रकांत पांडा, ने कहा है कि देश में निजी निवेश हो रहा है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रभाव और निवेशकों में बढ़ी अनुशासन भावना के कारण ‘स्टॉप-स्टार्ट’ प्रभाव देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि निवेश कभी तेज़ी से बढ़ता है और कभी धीमा हो जाता है, जिससे बाजार में अनिश्चितता बनी रहती है।
पांडा ने यह भी कहा कि सकारात्मक सुधार जैसे कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) ने कंपनियों को निवेश के प्रति अधिक अनुशासित और सतर्क बनने के लिए प्रोत्साहित किया है। IBC के लागू होने से कंपनियों की वित्तीय जवाबदेही और लेन-देन में पारदर्शिता बढ़ी है, जिससे निवेश के निर्णय अधिक सोच-समझकर लिए जा रहे हैं।
उनके अनुसार, निवेशक अब पहले की तुलना में जोखिम और लाभ का बेहतर विश्लेषण कर रहे हैं। हालांकि, वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक घटनाओं, जैसे ट्रंप की नीतियां और अंतरराष्ट्रीय व्यापार बाधाएं, निवेश की गति को प्रभावित कर रही हैं।
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पांडा ने यह भी कहा कि यदि सकारात्मक आर्थिक सुधार जारी रहते हैं और नीति स्थिरता बनी रहती है, तो भविष्य में निवेश की गति और स्थिर हो सकती है। उन्होंने उद्योग और सरकार दोनों से सहयोग की अपील की ताकि निवेशकों को भरोसा और प्रोत्साहन मिले।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में निवेशकों की सतर्कता और अनुशासन जरूरी है, ताकि दीर्घकालिक आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जा सके।
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