पंजाब में एक सरकारी स्कूल में छात्रा की दुखद आत्महत्या के बाद प्रधानाचार्य और पांच शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि इस छात्रा ने कथित रूप से विषाक्त जहर खा लिया, और इसके पीछे शारीरिक शोषण और मानसिक उत्पीड़न की घटनाएँ सामने आई हैं।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि छात्रा को स्कूल में लगातार पीटा और अपमानित किया जाता था। बताया गया कि शिक्षकों ने न केवल छात्रा को धमकाया बल्कि उसे जहर जैसी हानिकारक वस्तु तक देने की कोशिश की। घटना की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने तुरंत जांच के आदेश दिए।
पुलिस ने बताया कि प्रधानाचार्य और पांच शिक्षकों के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें छात्रा को पीटने, अपमानित करने और उसकी मानसिक स्थिति को खराब करने के आरोप शामिल हैं। यह घटना पंजाब में स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर चिंता को बढ़ा रही है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूल में शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकता है और कभी-कभी यह अंतिम कदम की ओर भी ले जाता है। इसके अलावा, इस घटना ने शिक्षकों और स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी और बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता को फिर से रेखांकित किया है।
सरकार ने इस मामले में कड़े कदम उठाने की बात कही है और सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे दोषियों को सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए सुनिश्चित करें।
यह घटना शिक्षा क्षेत्र में गंभीर बदलाव और बच्चों की सुरक्षा के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता को उजागर करती है।
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