रूस और भारत के बीच कूटनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर की शुरुआत में भारत का दौरा करेंगे। इस यात्रा को दोनों देशों के रणनीतिक साझेदारी और बहुपक्षीय सहयोग के लिहाज़ से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, पुतिन की यात्रा से पहले रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव नवंबर में भारत आएंगे। उनका उद्देश्य राष्ट्रपति की यात्रा से जुड़े अहम बिंदुओं और एजेंडे को अंतिम रूप देना होगा। माना जा रहा है कि दोनों पक्ष ऊर्जा सहयोग, रक्षा समझौतों और वैश्विक मंचों पर एक-दूसरे के समर्थन को लेकर विस्तृत चर्चा करेंगे।
भारत और रूस के बीच दशकों पुराने मित्रतापूर्ण संबंध रहे हैं। रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों ने हमेशा मजबूत सहयोग दिखाया है। मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में यह यात्रा और भी अहम हो जाती है, क्योंकि पश्चिमी देशों और रूस के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत की भूमिका एक संतुलन साधने वाले साझेदार की है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन की यह यात्रा भारत-रूस संबंधों को नई दिशा दे सकती है। भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा ज़रूरतों को देखते हुए रूस को एक अहम साझेदार मानता है। वहीं, रूस भी भारत को एशिया में एक महत्वपूर्ण मित्र और वैश्विक दक्षिण की आवाज़ के रूप में देखता है।
यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती देगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर दोनों देशों की साझा रणनीति को भी नया आयाम दे सकती है।
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