रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आगामी 4-5 दिसंबर 2025 को भारत की यात्रा पर आएंगे, जहां वे 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। उनकी यह राजकीय यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर हो रही है। पिछले कुछ महीनों में, अमेरिकी प्रतिबंधों और रूस से कच्चे तेल आयात को लेकर लगाए गए दंडात्मक शुल्कों के बीच, भारत और रूस के संबंध और मजबूत हुए हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 के दौरान 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत की राजकीय यात्रा पर आएंगे।”
पुतिन इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ विस्तृत वार्ता करेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी उन्हें राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत देंगी और उनके सम्मान में भोज आयोजित करेंगी।
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सरकार ने बताया कि पुतिन की यह यात्रा दोनों देशों के नेतृत्व को द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा करने और सामरिक साझेदारी को और मजबूत करने तथा क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श का अवसर प्रदान करेगी।
रूसी राष्ट्रपति की इस यात्रा की घोषणा अगस्त में की गई थी, जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मॉस्को गए थे। हालांकि उस समय तारीखें तय नहीं हुई थीं।
प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन हाल ही में सितंबर में चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे। दोनों नेताओं ने पुतिन की लिमोज़िन में लगभग एक घंटे तक बातचीत की थी।
पुतिन का यह दौरा भारत-रूस संबंधों को नई गति देने के लिहाज़ से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर बढ़ते वैश्विक तनावों और बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्यों के बीच।
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