महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के दहिसर और जुहू क्षेत्रों में स्थित हाई-फ्रीक्वेंसी रडार केंद्रों को तकनीकी रूप से उपयुक्त वैकल्पिक स्थानों पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से इन इलाकों में लंबे समय से अटके पुनर्विकास कार्यों को गति मिलेगी, क्योंकि दहिसर और जुहू में मौजूद रडार प्रतिष्ठानों के कारण इमारतों की ऊंचाई पर कड़े प्रतिबंध लगे हुए थे।
विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय, केंद्र सरकार और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) दहिसर स्थित रडार को शिफ्ट करने पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने रडार स्थानांतरण की पूरी लागत वहन करने और इसके लिए वैकल्पिक भूमि उपलब्ध कराने की सहमति भी दे दी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गोरेगांव के गोराई क्षेत्र की जमीन केंद्र सरकार को नि:शुल्क हस्तांतरित की जाएगी। वहीं, दहिसर में AAI की भूमि का 40 प्रतिशत हिस्सा सार्वजनिक उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इससे स्थानीय नागरिकों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।
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जुहू के संबंध में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने AAI को एक वैकल्पिक स्थल सुझाया है, जिसका तकनीकी मूल्यांकन किया जाएगा। तकनीकी अध्ययन पूरा होने और स्थल को अंतिम रूप दिए जाने के बाद जुहू रडार को स्थानांतरित करने की स्वीकृति प्रक्रिया शुरू होगी।
रडार केंद्रों के स्थानांतरण के बाद दहिसर और जुहू (डीएन नगर) क्षेत्रों में इमारतों का पुनर्विकास संभव हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार मुंबई के उन इलाकों के लिए एक नई ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ नीति तैयार कर रही है, जहां नो-डेवलपमेंट जोन, रक्षा भूमि और अन्य प्रतिबंधों के कारण पुनर्विकास कठिन हो गया है।
प्रस्तावित नीति के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 300 वर्ग फुट तक मुफ्त एफएसआई दी जाएगी, जबकि निम्न आय वर्ग (LIG) के लिए 600 वर्ग फुट तक के मकानों का पुनर्विकास बिना किसी लागत के किया जाएगा।
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