कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया है कि देश में "बड़े पैमाने पर मतदाता धोखाधड़ी" हो रही है और इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग की मिलीभगत है। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग बीजेपी के साथ मिलकर "चुनाव चुराने" का प्रयास कर रहा है।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) ने उनसे औपचारिक रूप से इस आरोप के समर्थन में विवरण मांगा है। सीईओ ने राहुल गांधी से उन मतदाताओं की सूची देने को कहा है जिनके नाम गलत तरीके से जोड़े या हटाए गए हैं। साथ ही, उन्होंने अनुरोध किया है कि यह सूची एक शपथ पत्र के माध्यम से सौंपी जाए ताकि आरोपों की जांच और सत्यापन संभव हो सके।
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब देश में आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक माहौल गरम है और चुनावों की पारदर्शिता को लेकर विपक्ष बार-बार सवाल उठा रहा है। कांग्रेस ने पहले भी कई बार ईवीएम, मतदाता सूची में गड़बड़ी और संस्थागत पक्षपात के मुद्दे उठाए हैं।
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हालांकि, चुनाव आयोग ने हमेशा अपने कार्यों की निष्पक्षता की बात कही है और अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्य जांच में कितने ठोस और विश्वसनीय सिद्ध होते हैं।
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