लोकसभा में सोमवार को ‘वंदे मातरम्’ पर हुए जोरदार राजनीतिक बहस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विपक्षी सांसदों पर भड़क उठे। अपने भाषण के बीच लगातार हो रही बाधा के कारण उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पूछा, “कौन बैठाने वाला है? कौन बैठाएगा?” इसके बाद वे और भी नाराज़ हो गए और बोले, “क्या बात कर रहे हो… बैठो! ये हिम्मत हो गई?”
इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद सदन में माहौल और गरम हो गया। कई भाजपा सांसद भी विपक्ष पर चिल्लाते हुए सुने गए। इसके बाद राजनाथ सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से हस्तक्षेप का अनुरोध किया, जिन्होंने विपक्षी सांसदों को शांत रहने का संकेत दिया।
अपने भाषण में राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसके तुष्टिकरण की राजनीति के कारण ‘वंदे मातरम्’ के साथ “अनुचित व्यवहार” किया और गीत को टुकड़ों में बांटा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रीय गान के साथ बराबरी का सम्मान नहीं किया गया।
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उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ और ‘आनंद मठ’ कभी भी “एंटी-इस्लाम” नहीं थे, बल्कि नवाबों और ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनता की भावना को दर्शाते थे। उन्होंने पूरे गीत और उसके इतिहास के निष्पक्ष मूल्यांकन की आवश्यकता बताई।
बहस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। पीएम मोदी ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल राजनीतिक स्वतंत्रता का नारा नहीं, बल्कि औपनिवेशिक सत्ता से मुक्ति का पवित्र आवाहन था। उन्होंने बताया कि यह गीत स्वतंत्रता आंदोलन का मजबूत आधार रहा और 150 वर्ष पूरे होने पर यह एक ऐतिहासिक क्षण है।
कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह बंगाल चुनावों के मद्देनजर इस मुद्दे को उछाल रही है और वास्तविक समस्याओं से ध्यान भटका रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेहरू पर चुनिंदा हमले कर रही है और संसद का समय जनता के मुद्दों के लिए इस्तेमाल होना चाहिए।
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