सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में खुलासा किया है कि यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और उद्योगपति अनिल अंबानी के बीच कई व्यावसायिक बैठकें बिना किसी बैंक अधिकारी की मौजूदगी में हुईं। इन बैठकों में लिए गए निर्णयों को बाद में बैंक के अधिकारियों को लागू करने का निर्देश दिया जाता था।
सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट में एक ईमेल का भी उल्लेख किया गया है, जो राणा कपूर ने खुद को भेजा था, जिसका शीर्षक था— “ब्रीफिंग नोटिंग–अनिल अंबानी मीटिंग”। यह ईमेल उन बैठकों की पुष्टि करता है, जिनमें बैंक की प्रक्रियागत पारदर्शिता का पालन नहीं किया गया।
चार्जशीट मुंबई की एक विशेष अदालत में पिछले महीने दायर की गई थी, हालांकि अदालत ने अभी इस पर संज्ञान नहीं लिया है। यह मामला 2022 में यस बैंक के मुख्य अधिकारी की शिकायत पर दर्ज दो आपराधिक मामलों से जुड़ा है। इनमें राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदु कपूर, बेटियाँ राधा और रोशनी, उनसे जुड़ी कंपनियाँ, अनिल अंबानी—जो उस समय एडीए ग्रुप के चेयरमैन थे—और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) तथा रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) के नाम शामिल हैं।
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सीबीआई का कहना है कि इन बैठकों और वित्तीय लेनदेन के माध्यम से बैंक के हितों को नुकसान पहुँचाने और निजी लाभ प्राप्त करने की साजिश रची गई थी। एजेंसी ने इस मामले में धनशोधन और भ्रष्टाचार की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं।
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