तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने येल्लमपल्ली परियोजना का निरीक्षण किया और इसे गोदावरी नदी परियोजनाओं का “दिल” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना अभूतपूर्व बारिश और भारी जल प्रवाह के बावजूद मजबूती से खड़ी रही है।
रेवंत रेड्डी ने इस मौके पर पिछली सरकार पर कड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “कालेश्वरम बैराज में खामियां और निर्माण में भ्रष्टाचार ही इसकी सबसे बड़ी कमजोरियां हैं। यह साबित करता है कि पिछली सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए परियोजना के मानकों से समझौता किया।”
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से परियोजना की वर्तमान स्थिति और संभावित सुधार कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार गोदावरी बेसिन की परियोजनाओं को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाएगी, ताकि आने वाले समय में किसी भी आपदा का प्रभाव कम किया जा सके।
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रेवंत रेड्डी ने कहा कि येल्लमपल्ली परियोजना तेलंगाना के सिंचाई और जलापूर्ति तंत्र में केंद्रीय भूमिका निभाती है। “यह परियोजना मजबूती का प्रतीक है और यह दिखाती है कि सही तकनीक और पारदर्शिता से क्या हासिल किया जा सकता है,” उन्होंने कहा।
राजनीतिक हलकों में इसे रेवंत रेड्डी की ओर से BRS पर सीधा हमला माना जा रहा है, खासकर कालेश्वरम परियोजना को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच।
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