राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने संगठन की 100 वर्षीय यात्रा को जनता के “अटूट विश्वास और समर्थन” का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि संघ ने हमेशा हिंदू एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक सद्भाव, लोकतंत्र और संस्कृति संरक्षण जैसे विषयों पर सहमति बनाने का प्रयास किया।
होसबाले ने कहा कि संघ की स्थापना से लेकर अब तक समाज में उसकी स्वीकार्यता निरंतर बढ़ी है। उन्होंने बताया कि जब संगठन ने कार्य आरंभ किया था, तब उसका दायरा सीमित था, लेकिन समय के साथ यह विचारधारा देश के विभिन्न वर्गों में फैल गई। संघ ने न केवल सांस्कृतिक मूल्यों को संजोए रखने का कार्य किया बल्कि सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा दिया।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आरएसएस ने सदैव लोकतांत्रिक ढांचे और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कार्य किया है। विभिन्न सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर लोगों को एक मंच पर लाने की संघ की नीति ने इसे जनता से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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महासचिव ने कहा कि संगठन की 100 वर्ष की यात्रा केवल उसके कार्यकर्ताओं का ही नहीं, बल्कि देश की जनता के सहयोग और विश्वास का परिणाम है। उन्होंने इस विश्वास को संघ की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि आने वाले समय में भी संगठन समाज की सेवा और राष्ट्र निर्माण के कार्यों को जारी रखेगा।
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