रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि रूस हालिया भू-राजनीतिक परिवर्तनों के बावजूद तकनीक और रक्षा के क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बना हुआ है। वे नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ केंद्र में आयोजित 22वीं भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-M&MTC) की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली मुलाकात दोनों देशों के बीच मौजूद “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” को और मजबूत करेगी। उन्होंने बताया कि दोनों नेता शीर्ष स्तर पर लगातार संपर्क में रहे हैं और जून 2025 में चीन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी विस्तृत बातचीत भी हुई थी।
उन्होंने कहा, “हम राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 23वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए भारत यात्रा का इंतजार कर रहे थे, जो आज पूरी हुई है। यह यात्रा हमारी साझेदारी को नई दिशा देगी।”
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राजनाथ सिंह ने मास्को में पिछले महीने आयोजित 26वीं भारत-रूस व्यापार एवं आर्थिक सहयोग कार्यसमूह की बैठक की सफलता का स्वागत किया। उन्होंने रूस-नेतृत्व वाले यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर शुरू हुई बातचीत को भी महत्वपूर्ण कदम बताया।
बैठक के दौरान रक्षा साझेदारी के सभी पहलुओं — प्रमुख अनुबंधों की प्रगति, लाइसेंस प्राप्त उत्पादन, और तकनीकी हस्तांतरण — पर विस्तार से चर्चा की गई।
दिन में पहले, राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉव ने नेशनल वॉर मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद दोनों ने त्रि-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया।
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