रूसी रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को RD-93 इंजन की संभावित बिक्री भारत के लिए नुकसानदायक नहीं बल्कि लाभदायक साबित हो सकती है। उनका मानना है कि ये इंजन प्रदर्शन में सीमित है और उनकी सेवा अवधि (service life) अपेक्षाकृत कम है।
RD-93 इंजन, जिसे रूस की क्लिमोव (Klimov) कंपनी द्वारा निर्मित किया गया है, वास्तव में RD-33 इंजन का संशोधित संस्करण है। विशेषज्ञों के अनुसार, RD-93 में थ्रस्ट (thrust) तो अधिक है, लेकिन इसकी सेवा अवधि घटकर केवल 2,200 घंटे रह गई है, जबकि मूल RD-33 इंजन की सेवा अवधि 4,000 घंटे है।
रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान यदि इन इंजनों को अपने JF-17 लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल करता है, तो उसे दीर्घकालिक रखरखाव और लागत संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इससे उसकी वायुसेना की संचालन क्षमता सीमित हो सकती है।
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रूसी विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इन इंजनों की सीमित क्षमता और रखरखाव की जटिलता के कारण भारत की सामरिक बढ़त पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके विपरीत, यह भारत के लिए तकनीकी रूप से लाभदायक स्थिति हो सकती है, क्योंकि भारतीय वायुसेना के पास बेहतर प्रदर्शन वाले इंजन और उन्नत प्लेटफॉर्म हैं।
कई विशेषज्ञों ने यह भी जोड़ा कि यह बिक्री रूस और भारत के रक्षा संबंधों पर असर नहीं डालेगी, क्योंकि दोनों देशों के बीच लंबे समय से रणनीतिक सहयोग और रक्षा साझेदारी बनी हुई है।
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