कांग्रेस ने रूस द्वारा पाकिस्तान को JF-17 जेट इंजन सप्लाई करने के निर्णय को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत कूटनीति की विफलता करार दिया है। पार्टी के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि यह निर्णय भारत की सुरक्षा और रणनीतिक हितों के लिए चिंताजनक है।
जयराम रमेश ने बताया कि कई समाचार रिपोर्टों के अनुसार यह समझौता आगे बढ़ रहा है, बावजूद इसके कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस वर्ष जून में सीधे हस्तक्षेप किया था। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि भारत के उच्चतम स्तर के कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद रूस ने पाकिस्तान को हथियार और तकनीकी मदद देने की अनुमति दी।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति की व्यक्तिगत शैली की असफलता को उजागर करती है। जयराम रमेश ने कहा कि सुरक्षा और रणनीतिक हितों के मामलों में व्यक्तिगत प्रभाव और कूटनीतिक हस्तक्षेप सीमित साबित हुए हैं, और यह भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।
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कांग्रेस ने इस मुद्दे को लोकतांत्रिक और पारदर्शी तरीके से संसद में उठाने की चेतावनी दी और सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। पार्टी का कहना है कि इस तरह के हथियार सौदे क्षेत्रीय शांति और भारत की सुरक्षा स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि JF-17 जेट इंजन की सप्लाई से पाकिस्तान के हवाई बल की क्षमता में वृद्धि होगी, जो भारत-पाक सीमा पर तनाव बढ़ा सकती है। कांग्रेस ने जोर दिया कि भारत को अपने रक्षा और कूटनीतिक निर्णयों में सख्ती और पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए।
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