के.आर. नारायणन इंस्टीट्यूट ऑफ विजुअल साइंसेज एंड आर्ट्स के अध्यक्ष सईद अख्तर मिर्जा ने 2025 के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ निर्देशन और छायांकन के लिए सम्मानित फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ की कड़ी आलोचना की है। मिर्जा ने इस फिल्म को लेकर अपने तीखे विचार सार्वजनिक किए हैं।
सईद अख्तर मिर्जा का मानना है कि ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म ने वास्तविकता को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है और इसके कथानक में कई राजनीतिक और सामाजिक पक्षपात स्पष्ट रूप से नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की फिल्में न केवल सिनेमा की संवेदनशीलता के खिलाफ हैं, बल्कि समाज में गलतफहमियां भी पैदा करती हैं।
मिर्जा ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि क्यों इस तरह की विवादित फिल्मों को राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जा रहे हैं, जबकि उनका प्रभाव समाज पर नकारात्मक पड़ सकता है। उन्होंने फिल्म में दिखाए गए कई दृश्यों और कथानक को आधारहीन और भ्रामक बताया।
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उन्होंने यह भी कहा कि फिल्मकारों को जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए और सत्य के साथ न्याय करना चाहिए। फिल्में समाज को जागरूक करने और सकारात्मक संदेश देने का माध्यम होती हैं, न कि विभाजन और भ्रम फैलाने का।
सईद अख्तर मिर्जा की इस आलोचना ने फिल्म और उसके पुरस्कार को लेकर बहस को फिर से गरमाया है। फिल्म समीक्षकों और दर्शकों के बीच इस विषय पर गहन चर्चा चल रही है।
उनका यह बयान भारतीय सिनेमा में संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी पर एक अहम वार्ता को जन्म दे रहा है।
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