झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का उनके पैतृक गांव नेमरा में अंतिम संस्कार किया गया। लंबे समय से बीमार चल रहे शिबू सोरेन का हाल ही में निधन हो गया था। उनके निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई और हजारों लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।
नेमरा गांव में आयोजित अंतिम संस्कार में परिवारजन, रिश्तेदार, राजनीतिक सहयोगी और बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद थे। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, कई केंद्रीय और राज्य मंत्री, सांसद और विधायक भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
अंतिम संस्कार के दौरान पूरे गांव में गमगीन माहौल था। स्थानीय लोगों ने शिबू सोरेन को "झारखंड आंदोलन के नायक" और "दिशोम गुरु" के रूप में याद किया। उन्होंने राज्य के गठन और आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए अपने जीवन का बड़ा हिस्सा संघर्ष में बिताया।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “हमने न केवल एक महान नेता को खोया है बल्कि झारखंड की आत्मा का भी एक हिस्सा खो दिया है। उनकी नीतियां और विचार हमेशा हमें प्रेरित करते रहेंगे।”
शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ पूरे सम्मान के साथ विदाई दी गई। झारखंड सरकार ने उनके सम्मान में राजकीय शोक की घोषणा की है और पूरे राज्य में सरकारी कार्यालयों में झंडे आधे झुके हुए रहे।
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