कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर लगातार अटकलों के बीच, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बेटे यथिंद्र ने कहा कि उनके पिता अपने राजनीतिक करियर के अंतिम चरण में हैं और उन्हें अपने कैबिनेट सहयोगी सतीश जारकिहोली के मार्गदर्शक (मेन्टोर) बनने की सलाह देनी चाहिए।
पिछले महीने ही सिद्धारमैया को इस तरह की खबरों को खारिज करना पड़ा था कि वे अपने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए पद छोड़ देंगे। यह अटकलें कांग्रेस सांसद एलआर शिवरामे गौड़ा के बयान से और तेज हुई थीं, जिन्होंने पार्टी नेतृत्व से स्थिति स्पष्ट करने की अपील की थी। गौड़ा ने कहा, “शिवकुमार अंततः मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन अंतिम निर्णय हाई कमान का है। वे पार्टी और दोनों पदों का संतुलन अच्छे से समझते हैं।”
सिद्धारमैया ने बार-बार कहा है कि वे पूरे पांच साल की अवधि के लिए मुख्यमंत्री रहेंगे। इसके बावजूद, पार्टी के अंदर दो स्पष्ट गुट मौजूद हैं—एक सिद्धारमैया समर्थक और दूसरा शिवकुमार समर्थक। सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री सतीश जारकिहोली सिद्धारमैया गुट में मजबूत माने जाते हैं।
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यथिंद्र ने बेलागवी में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “मेरे पिता अपने राजनीतिक करियर के अंतिम चरण में हैं। इस समय उन्हें एक ऐसे नेता की आवश्यकता है, जिसके पास मजबूत विचारधारा और प्रगतिशील सोच हो, जिसे वे मार्गदर्शक के रूप में गाइड कर सकें। जारकिहोली पार्टी की विचारधारा को बनाए रखने और प्रभावी नेतृत्व देने में सक्षम हैं।”
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, यथिंद्र के बयान रणनीतिक हो सकते हैं और इसका मकसद शिवकुमार और उनके समर्थकों को संदेश देना है कि सत्ता सिद्धारमैया गुट के पास बनी रहेगी। शिवकुमार ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वे मुख्यमंत्री बनने के लिए जल्दबाजी में नहीं हैं और पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा करने से मना किया है।
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