पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने बुधवार (29 अक्टूबर 2025) को सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने संशोधित याचिका में कहा कि उनके पति की एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत गिरफ्तारी “विरोध की आवाज़ को दबाने की सुनियोजित साजिश” है।
अंगमो ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने एनएसए के तहत गिरफ्तारी के पूरे आधार दस्तावेज वांगचुक को 28 दिन की देरी से सौंपे, जो अधिनियम में निर्धारित समय सीमा का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह देरी न केवल प्रक्रियागत चूक है, बल्कि “कानूनी सुरक्षा उपायों की अवहेलना” भी है, जिससे उनकी गिरफ्तारी स्वतः अमान्य हो जाती है।
गीतांजलि अंगमो ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें अपने पहले से दाखिल रिट याचिका में संशोधन करने और अतिरिक्त बिंदु जोड़ने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि “यह गिरफ्तारी एक सोची-समझी कोशिश है ताकि मेरे पति अपने लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार, यानी असहमति प्रकट करने का अधिकार, का प्रयोग न कर सकें।”
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सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया था, दो दिन बाद जब लद्दाख के लेह में पुलिस फायरिंग में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। वर्तमान में वे जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में मानवाधिकार संगठनों और नागरिक समूहों ने विरोध जताया है, जबकि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने इसे “सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने” के लिए आवश्यक कदम बताया है।
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