स्पेन ने चेतावनी दी है कि यदि इजरायल को इस वर्ष के यूरोविज़न सॉन्ग कॉन्टेस्ट में भाग लेने की अनुमति दी गई, तो वह प्रतियोगिता का बहिष्कार कर सकता है। इस प्रकार स्पेन उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो गाज़ा पट्टी में जारी युद्ध और नागरिकों के खिलाफ हिंसा को देखते हुए इजरायल को प्रतियोगिता से बाहर करने की मांग कर रहे हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, स्पेन का यह कदम उन यूरोपीय देशों की बढ़ती संख्या को दर्शाता है जो मानते हैं कि इस प्रतियोगिता जैसे सांस्कृतिक मंच को राजनीतिक और मानवीय मुद्दों से अलग नहीं रखा जा सकता। उनका कहना है कि गाज़ा में हिंसा और मानवीय संकट को देखते हुए इजरायल की भागीदारी से प्रतियोगिता की साख को गहरी चोट पहुंचेगी।
यूरोविज़न आयोजकों ने अभी तक इस विवाद पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनका तर्क है कि प्रतियोगिता एक गैर-राजनीतिक सांस्कृतिक आयोजन है, जिसका उद्देश्य केवल संगीत और कला को बढ़ावा देना है। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि जब किसी देश की कार्रवाइयों से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का उल्लंघन हो रहा हो, तो उसे ऐसे मंच पर जगह देना उचित नहीं है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्पेन के साथ अन्य बड़े यूरोपीय देश भी बहिष्कार की घोषणा करते हैं, तो यह यूरोविज़न के लिए एक बड़ा संकट साबित हो सकता है। प्रतियोगिता में आमतौर पर 40 से अधिक देश हिस्सा लेते हैं और किसी बड़े समूह का हटना इसके वैश्विक प्रभाव और लोकप्रियता पर असर डाल सकता है।
यह विवाद यूरोविज़न जैसे सांस्कृतिक आयोजनों पर राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संकटों के बढ़ते प्रभाव को उजागर करता है।
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