कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित खेल विधेयक पर गंभीर आपत्तियां जताई हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बयान जारी कर आरोप लगाया कि यह विधेयक भारत में खेल प्रशासन को अत्यधिक केंद्रीकृत कर देगा, जिससे राज्यों और स्वतंत्र खेल संगठनों की भूमिका कमजोर हो जाएगी।
जयराम रमेश ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को सबसे विशेष और अनुकूल व्यवहार मिलेगा। उनका आरोप है कि बीसीसीआई को इस कानून के तहत किसी भी प्रकार की कानूनी जवाबदेही, जैसे सूचना का अधिकार (RTI), के दायरे में नहीं लाया जाएगा। उन्होंने इसे एक गंभीर लोकतांत्रिक और प्रशासनिक समस्या बताया, क्योंकि इससे पारदर्शिता और जवाबदेही की प्रक्रिया कमजोर होगी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि खेलों का संचालन केवल केंद्र के अधीन कर देने से न केवल खिलाड़ियों के हित प्रभावित होंगे, बल्कि खेल संघों की स्वायत्तता भी खत्म हो जाएगी। उनका मानना है कि खेलों में विविधता, नवाचार और स्थानीय स्तर पर प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए विकेंद्रीकरण जरूरी है, जबकि यह विधेयक इसके उलट दिशा में जाएगा।
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उन्होंने आरोप लगाया कि बीसीसीआई पहले से ही अपार आर्थिक संसाधनों और राजनीतिक प्रभाव के कारण विशेषाधिकार प्राप्त संस्था बन चुकी है, और इस विधेयक के बाद उसे और भी कानूनी छूट मिल जाएगी, जिससे अन्य खेल संगठनों के साथ असमानता और बढ़ेगी।
कांग्रेस ने मांग की है कि इस विधेयक को लागू करने से पहले व्यापक सार्वजनिक चर्चा, खिलाड़ियों से परामर्श और सभी राज्यों की सहमति ली जाए। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि इसे जल्दबाजी में पारित किया गया तो यह भारत में खेल प्रशासन के संतुलन को दीर्घकालिक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
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