हांगकांग में स्टेबलकॉइन को लेकर नई उम्मीदें और बाजार में हलचल देखी जा रही है। यहां की नई स्टेबलकॉइन रेगुलेशन नीतियां लागू हो रही हैं, जो हांगकांग को एशिया का प्रमुख क्रिप्टो हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
स्टेबलकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है, जो डॉलर या अन्य फिएट मुद्राओं से जुड़ी होती है और इसकी कीमत अपेक्षाकृत स्थिर रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि हांगकांग के इस कदम से न केवल स्थानीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
नए नियमों के तहत स्टेबलकॉइन जारी करने वाली कंपनियों को कड़े मानकों और पारदर्शिता के नियमों का पालन करना होगा। हांगकांग सरकार का मानना है कि इससे बाजार में जोखिम कम होगा और क्रिप्टोकरेंसी का सुरक्षित उपयोग बढ़ेगा।
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इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा क्रिप्टो सेक्टर को दिए जा रहे समर्थन से वैश्विक स्तर पर डिजिटल करेंसी में फिर से उछाल देखा जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका और एशिया में इस बढ़ते समर्थन के चलते हांगकांग खुद को एशिया में क्रिप्टो नवाचार और निवेश का केंद्र बना सकता है।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि क्रिप्टो बाजार में अस्थिरता और नियमों का सख्त पालन न होने पर जोखिम बढ़ सकता है। इसके बावजूद, निवेशक और क्रिप्टो स्टार्टअप हांगकांग में नए अवसरों को लेकर उत्साहित हैं।
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