भारतीय शेयर बाजार उतार-चढ़ाव भरे सत्र के बाद स्थिर होकर बंद हुआ। बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख सूचकांक मामूली बदलाव के साथ बंद हुए। निवेशक अमेरिका और रूस के बीच चल रही वार्ता के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं, जिससे वैश्विक बाजार में अस्थिरता बनी हुई है।
सेंसेक्स दिनभर के कारोबार में ऊपर-नीचे होता रहा, लेकिन अंत में लगभग पिछले स्तर पर ही बंद हुआ। निफ्टी 50 भी इसी तरह का प्रदर्शन दिखाता रहा। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच ऊर्जा और सुरक्षा मुद्दों पर चल रही बातचीत का असर वैश्विक वित्तीय बाजारों पर पड़ रहा है, जिससे निवेशक सतर्क बने हुए हैं।
दूसरी ओर, घरेलू आर्थिक संकेतकों में कुछ सकारात्मक खबरें भी आई हैं। एस एंड पी ग्लोबल ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB’ तक अपग्रेड किया है। रेटिंग सुधार से भारत को अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से सस्ते दरों पर फंड जुटाने में मदद मिलेगी और विदेशी निवेश आकर्षित होगा। इसके अलावा, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) दो साल के निचले स्तर पर आया है, जो मुद्रास्फीति में नियंत्रण का संकेत देता है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को वैश्विक घटनाक्रम के साथ-साथ घरेलू आर्थिक नीतियों पर भी नजर रखनी होगी। शेयर बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन लंबी अवधि में निवेशकों के लिए यह अवसर भी प्रदान करता है।
संपूर्ण रूप से देखा जाए तो बाजार ने उतार-चढ़ाव भरे सत्र के बाद संतुलित स्थिति में बंद होकर निवेशकों की सतर्कता और वैश्विक घटनाक्रम के प्रभाव को दर्शाया।
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