तेलंगाना में सरोगेसी के नाम पर चल रहे बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें IVF क्लीनिकों के जरिए कपल्स को ठगकर बच्चों का कारोबार किया जा रहा है।
अगस्त 2024 में राजस्थान से एक दंपति आईवीएफ उपचार के लिए सिकंदराबाद पहुंचे थे। यहां एक डॉक्टर ने उन्हें सरोगेसी अपनाने की सलाह दी। दंपति ने ₹30 लाख का भुगतान किया और एक साल बाद उन्हें बच्चा मिला।
हालांकि, बाद में डीएनए जांच में यह खुलासा हुआ कि बच्चा उनका जैविक संतान नहीं है। इस मामले ने सरोगेसी उद्योग में हो रही गड़बड़ियों को उजागर कर दिया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, कई क्लीनिक इस तरह के धोखाधड़ी नेटवर्क का हिस्सा हैं। वे बांझ दंपतियों को इलाज का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूलते हैं और फिर सरोगेसी के नाम पर किसी अन्य परिवार का बच्चा उन्हें सौंप देते हैं।
इस घोटाले में डॉक्टर, एजेंट और कुछ अस्पताल शामिल बताए जा रहे हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि कई राज्यों के दंपति इस तरह से ठगे गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरोगेसी और आईवीएफ सेक्टर में सख्त निगरानी की जरूरत है। यदि पारदर्शिता और सख्त नियम नहीं बनाए गए तो ऐसे घोटाले बांझपन से जूझ रहे परिवारों के लिए बड़ी समस्या बने रहेंगे।
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