अफगानिस्तान के साथ व्यापार निलंबित होने के बाद पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में फल और सब्ज़ियों की कीमतों में भारी वृद्धि देखी जा रही है, जबकि पोल्ट्री उत्पादों के दामों में तेज गिरावट दर्ज की गई है। यह उतार-चढ़ाव प्रत्यक्ष रूप से सीमा क्षेत्रों में मांग और आपूर्ति के बिगड़ते संतुलन का परिणाम है। यह जानकारी पोल्ट्री होलसेलर्स एसोसिएशन के प्रमुख अब्दुल बासित ने रविवार (23 नवंबर 2025) को दी।
अफगानिस्तान के साथ रोज़ाना होने वाला व्यापार मुख्य रूप से चिकन, फल और सब्ज़ियों जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों के निर्यात-आयात पर आधारित था। बासित के अनुसार, अब चूंकि अफगानिस्तान को पोल्ट्री निर्यात बंद हो गया है, इसलिए स्थानीय बाज़ार में आपूर्ति बढ़ गई है, जिससे दामों में गिरावट आई है।
सितंबर में जहां जीवित चिकन PKR 460-470 प्रति किलोग्राम में बिक रहा था, वहीं अब इसकी कीमत घटकर PKR 350-360 प्रति किलोग्राम हो गई है। इसी तरह बोनलेस मांस की कीमत भी PKR 1,000 से घटकर PKR 700-800 प्रति किलोग्राम पर आ गई है।
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दूसरी तरफ, अफगानिस्तान से सब्ज़ियां और फल नहीं आने के कारण घरेलू बाज़ार में इनके दाम तेजी से बढ़े हैं। फल और सब्ज़ी एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मुहम्मद फ़हद इक़बाल ने बताया कि पाकिस्तान टमाटर, प्याज़, सूखे मेवे और अन्य उत्पादों का बड़ा हिस्सा अफगानिस्तान से आयात करता है। सीमा बंद होने के बाद इन उत्पादों की कीमतों में उछाल स्वाभाविक था।
बाज़ार में आलू PKR 200-300 प्रति किलोग्राम, प्याज़ PKR 250-400 प्रति किलोग्राम, लहसुन PKR 600 प्रति किलोग्राम और अदरक PKR 800 प्रति किलोग्राम में बिक रहा है। इसके अलावा हालिया बाढ़ में कई क्षेत्रों में फसलों को भारी नुकसान हुआ, जिससे पाकिस्तान आयात पर अधिक निर्भर हो गया था।
इसी बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया था कि अफगानिस्तान के तालिबान प्रशासन द्वारा पाकिस्तानी ट्रेड पर रोक लगाने का निर्देश देने के बाद व्यापार निलंबन से अंततः पाकिस्तान को ही लाभ होगा।
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