अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने यात्रा प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाते हुए 20 और देशों तथा फिलिस्तीनी प्राधिकरण (Palestinian Authority) से जारी दस्तावेजों पर अमेरिका यात्रा पर कड़ी पाबंदियां लगाने की घोषणा की है। मंगलवार को किए गए इस ऐलान के साथ ही, अमेरिका में यात्रा और प्रवासन को लेकर लागू प्रतिबंधों के दायरे में आने वाले देशों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।
प्रशासन ने बताया कि पांच और देशों को उन देशों की सूची में जोड़ा गया है, जिनके नागरिकों पर अमेरिका आने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा, 15 अन्य देशों पर आंशिक प्रतिबंध लगाए गए हैं। साथ ही, फिलिस्तीनी प्राधिकरण द्वारा जारी यात्रा दस्तावेजों पर भी पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। यह कदम अमेरिकी प्रवेश मानकों को सख्त करने की व्यापक नीति का हिस्सा बताया गया है।
जून में ट्रंप ने 12 देशों के नागरिकों पर अमेरिका आने पर पूर्ण प्रतिबंध और सात देशों पर आंशिक पाबंदियों की घोषणा की थी। अब जिन नए देशों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें बुर्किना फासो, माली, नाइजर, दक्षिण सूडान और सीरिया शामिल हैं। आंशिक प्रतिबंध वाले देशों की सूची में अंगोला, एंटीगुआ और बारबुडा, बेनिन, आइवरी कोस्ट, डोमिनिका, गैबॉन, गाम्बिया, मलावी, मॉरिटानिया, नाइजीरिया, सेनेगल, तंजानिया, टोंगा, जाम्बिया और जिम्बाब्वे शामिल हैं।
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हालांकि, जिन लोगों के पास पहले से वैध वीजा है, जो अमेरिका के स्थायी निवासी हैं, या राजनयिकों और खिलाड़ियों जैसी विशेष श्रेणियों में आते हैं, उन्हें इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है। ये बदलाव 1 जनवरी से लागू होंगे।
प्रशासन का कहना है कि कई देशों में व्यापक भ्रष्टाचार, अविश्वसनीय दस्तावेज, वीजा उल्लंघन और सुरक्षा जोखिम हैं, जिससे यात्रियों की जांच मुश्किल हो जाती है। वहीं, आलोचकों का आरोप है कि यह नीति राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर कई देशों के नागरिकों के साथ सामूहिक भेदभाव है। मानवाधिकार संगठनों और शरणार्थी समर्थकों ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है।
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