अमेरिका के राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप ने पेंटागन का नाम बदलकर “डिपार्टमेंट ऑफ वॉर” रखने की इच्छा व्यक्त की है। ट्रंप का मानना है कि वर्तमान नाम “डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस” देश की वास्तविक शक्ति और सैन्य दृष्टिकोण को पूरी तरह प्रतिबिंबित नहीं करता। उनका कहना है कि अमेरिका को अपने दुश्मनों के सामने अधिक आक्रामक और सशक्त छवि पेश करनी चाहिए।
जब पत्रकारों ने ट्रंप से पूछा कि क्या इस बदलाव के लिए कांग्रेस की मंजूरी जरूरी होगी, तो उन्होंने साफ शब्दों में जवाब दिया—“हम इसे बस करने जा रहे हैं।” उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वह किसी भी राजनीतिक या कानूनी अड़चन को नजरअंदाज करते हुए इस विचार को आगे बढ़ाने के पक्ष में हैं।
पेंटागन का नाम आधिकारिक रूप से 1949 में “डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस” रखा गया था, ताकि युद्ध की बजाय रक्षा और सुरक्षा को महत्व दिया जा सके। लेकिन ट्रंप का तर्क है कि अमेरिका की सैन्य ताकत को “युद्ध” शब्द से अधिक सही तरीके से व्यक्त किया जा सकता है। उनका यह बयान अमेरिकी राजनीति और रक्षा नीति पर व्यापक बहस को जन्म दे सकता है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह का बदलाव केवल नाम का नहीं बल्कि नीतिगत दृष्टिकोण का भी संकेत देगा। आलोचकों का कहना है कि “डिपार्टमेंट ऑफ वॉर” नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका की छवि को और अधिक आक्रामक बना सकता है। वहीं, ट्रंप समर्थकों का मानना है कि यह कदम अमेरिकी सेना और उसकी वैश्विक स्थिति को मजबूत संदेश देगा।
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