अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक वार्षिक रक्षा नीति विधेयक पर हस्ताक्षर कर उसे कानून का रूप दे दिया है, जिसमें भारत के साथ अमेरिका की भागीदारी को और गहरा करने पर विशेष जोर दिया गया है। इस कानून में क्वाड (Quadrilateral Security Dialogue) के माध्यम से स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के साझा लक्ष्य को आगे बढ़ाने तथा चीन से उत्पन्न चुनौती का सामना करने की बात कही गई है।
वित्त वर्ष 2026 के लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (National Defence Authorisation Act – NDAA) पर गुरुवार, 18 दिसंबर 2025 को हस्ताक्षर किए गए। यह कानून युद्ध विभाग (DoW), ऊर्जा विभाग के राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यक्रमों, विदेश विभाग, गृह सुरक्षा विभाग, खुफिया समुदाय और अन्य कार्यकारी एजेंसियों के लिए बजटीय प्रावधानों को अधिकृत करता है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने बयान में कहा, “यह अधिनियम ‘शक्ति के माध्यम से शांति’ के मेरे एजेंडे को आगे बढ़ाने, देश को घरेलू और विदेशी खतरों से सुरक्षित रखने और रक्षा औद्योगिक आधार को मजबूत करने में मदद करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि इससे गैर-जरूरी और कट्टरपंथी कार्यक्रमों पर होने वाला खर्च खत्म किया जाएगा।
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कानून में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रक्षा गठबंधनों और साझेदारियों पर कांग्रेस की सोच को रेखांकित किया गया है। इसके तहत अमेरिकी रक्षा सचिव को निर्देश दिया गया है कि वे चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा में अमेरिका की बढ़त सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय रक्षा सहयोग को मजबूत करें।
इसमें भारत के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय जुड़ाव बढ़ाने, क्वाड के तहत सैन्य अभ्यासों, रक्षा व्यापार, मानवीय सहायता और आपदा राहत में सहयोग तथा समुद्री सुरक्षा में समन्वय को बढ़ावा देने की बात कही गई है। क्वाड की स्थापना 2017 में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने इंडो-पैसिफिक में चीन के आक्रामक रवैये का मुकाबला करने के लिए की थी।
कानून में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के रक्षा औद्योगिक आधार के बीच सहयोग मजबूत करने के लिए एक सुरक्षा पहल शुरू करने का भी प्रावधान है। इसके अलावा, अमेरिका-भारत रणनीतिक सुरक्षा संवाद के तहत परमाणु दायित्व नियमों पर संयुक्त मूल्यांकन तंत्र स्थापित करने की बात कही गई है।
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