उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाज पंजीकरण की प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन लाने और भ्रष्टाचार पर सख्त लगाम लगाने के लिए नए कानून की घोषणा की है। इस कानून का उद्देश्य पंजीकरण प्रक्रियाओं को पारदर्शी, सरल और समयबद्ध बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से समाज पंजीकरण विभाग में भ्रष्टाचार, देरी और अनियमितताओं की शिकायतें मिलती रही हैं। कई संस्थाओं को पंजीकरण के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था, जिससे समाजसेवी कार्यों और जनहित योजनाओं में बाधा आती थी।
नए कानून के तहत ऑनलाइन प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे आवेदकों को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। पंजीकरण प्रक्रिया में डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था होगी, जिससे किसी भी प्रकार की हेरफेर की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी।
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योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि जो अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाजसेवी संगठनों को सहयोग देने के साथ-साथ जवाबदेही भी सुनिश्चित करेगी।
सरकार का मानना है कि इस कानून से न केवल पंजीकरण की गति बढ़ेगी, बल्कि सामाजिक संस्थाओं को प्रोत्साहन मिलेगा और जनता का विश्वास भी मजबूत होगा। यह कदम राज्य में सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
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