इसराइल और हमास के बीच अमेरिका द्वारा मध्यस्थता कराए गए युद्धविराम समझौते को पहले बड़े परीक्षण का सामना करना पड़ा है। रविवार को दो इसराइली सैनिक मारे गए, और इसके तुरंत बाद ग़ाज़ा में व्यापक हवाई हमलों की लहर चली — फिर भी दोनों पक्षों ने समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
Israel Defense Forces (आईडीएफ) ने बयान जारी किया कि राजनीतिक स्तर के निर्देश पर वह युद्धविराम का “नवीन दायित्व” लागू करना शुरू करेगी। वहीं Al‑Qassam Brigades एवं Hamas ने कहा कि वे समझौते के प्रति प्रतिबद्ध हैं और इस हमले में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
समझौते के कोर आर्किटेक्ट्स Steve Witkoff और Jared Kushner क्षेत्र में आने वाले हैं, और J.D. Vance की अगुवाई में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल इसराइल भेजा जा रहा है, ताकि इस समझौते का अगला चरण लागू हो सके। अमेरिका ने कहा है कि वह कड़ी मेहनत कर रहा है लेकिन निजी कूटनीतिक बातचीत का खुलासा नहीं करेगा।
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हालाँकि रविवार को दो सैनिकों की मौत के बाद इसराइल ने ग़ाज़ा में कई हमले किए, जिनमें कम-से-कम 44 नागरिक मारे गए हैं। दोनों पक्ष दूसरे-को युद्धविराम उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं। राहत सामग्री की आपूर्ति रविवार को ठहराई गई थी, लेकिन सोमवार को फिर शुरू कर दी गई — यह संकेत है कि समझौते के मानव-कीय पक्ष की अनदेखी नहीं की जा रही।
राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री Itamar Ben‑Gvir ने राहत जारी करने को “शर्मनाक” पीछे हटने के रूप में देखा और कहा कि हमास ने दो सैनिकों की हत्या की है तथा शव वापस नहीं कर रही। इस बीच, दक्षिण ग़ाज़ा के Rafah में हमास व इसराइल समर्थित मिलिशिया के बीच झड़पों की खबरें आ रही हैं। हमास ने इसे खंडन किया है और कहा कि वह पूरे ग़ाज़ा पट्टी में समझौते के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
कुल मिलाकर, समझौते का पहला बड़ा संकट अभी टला है — लेकिन आगे की चुनौतियाँ बाकी हैं।
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