यूरोपीय संघ (EU) के टेक्नोलॉजी से जुड़े नियमों और अमेरिकी कंपनियों पर लगाए जा रहे करों को लेकर अमेरिका और यूरोप के बीच तनाव और बढ़ गया है। अमेरिका ने मंगलवार (16 दिसंबर 2025) को चेतावनी दी कि यदि यूरोपीय संघ ने अमेरिकी टेक कंपनियों के खिलाफ “अनुचित” और “भेदभावपूर्ण” कदम जारी रखे, तो वाशिंगटन जवाबी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा।
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) कार्यालय ने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा कि यूरोपीय संघ और उसके कुछ सदस्य देश अमेरिकी सेवा प्रदाताओं के खिलाफ लगातार भेदभावपूर्ण मुकदमे, कर, जुर्माने और निर्देश जारी कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि यदि इन कदमों से अमेरिकी कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता को नुकसान पहुंचता है, तो अमेरिका अपने पास उपलब्ध सभी विकल्पों का इस्तेमाल करेगा।
USTR ने संकेत दिया कि जवाबी कार्रवाई के तहत कुछ प्रमुख यूरोपीय कंपनियों को भी निशाना बनाया जा सकता है। इनमें एक्सेंचर, डीएचएल, मिस्ट्राल, सीमेंस और स्पॉटिफाई जैसी बड़ी कंपनियों के नाम शामिल हैं। USTR ने यह भी कहा कि अमेरिकी कानून विदेशी सेवाओं पर शुल्क या प्रतिबंध लगाने की अनुमति देता है।
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इसके जवाब में यूरोपीय आयोग के प्रवक्ता थॉमस रेग्नियर ने कहा कि यूरोपीय संघ के नियम सभी कंपनियों पर समान और निष्पक्ष रूप से लागू होते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि EU बिना किसी भेदभाव के अपने टेक नियमों को लागू करता रहेगा।
इस बयान पर स्टार्टअप एक्सेलेरेटर वाई कॉम्बिनेटर के पब्लिक पॉलिसी प्रमुख लूथर लोवे ने भी प्रतिक्रिया दी और इसे “छोटी टेक कंपनियों के साथ विश्वासघात” बताया। उन्होंने कहा कि EU का डिजिटल मार्केट्स एक्ट अमेरिकी कंपनियों के लिए भी बाजार के नए अवसर खोलता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले भी यूरोपीय संघ के टेक नियमों पर नाराजगी जता चुके हैं। सितंबर में गूगल पर लगाए गए 3.47 अरब डॉलर के एंटीट्रस्ट जुर्माने और हाल ही में एलन मस्क की सोशल मीडिया कंपनी X पर लगाए गए 140 मिलियन डॉलर के जुर्माने को लेकर भी ट्रंप ने EU की कड़ी आलोचना की थी। दोनों पक्षों के बीच यह तनाव आगे भी जारी रहने के संकेत दे रहा है।
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