अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ़ की कानूनी वैधता को बनाए रखेगी। इसके बावजूद, उन्होंने एक वैकल्पिक योजना यानी “Plan B” पर भी ध्यान केंद्रित किया है।
बेसेंट ने बताया कि यदि वर्तमान टैरिफ़ कानून के आधार पर आवश्यक हुआ तो 1930 का टैरिफ़ कानून लागू किया जा सकता है। इस कानून का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को विदेशी आयात से बचाना और घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करना था। उनका कहना है कि अमेरिकी सरकार इस कानून का उपयोग करके व्यापार नीतियों को मजबूती दे सकती है।
साथ ही, बेसेंट ने यह भी संकेत दिया कि वह सॉलिसिटर जनरल के लिए एक संक्षिप्त ज्ञापन (brief) जमा करने की योजना बना रहे हैं, जिससे सुप्रीम कोर्ट को मामले की कानूनी जटिलताओं और विकल्पों की पूरी जानकारी मिले। यह कदम अदालत को ट्रम्प के टैरिफ़ के कानूनी पक्ष के साथ-साथ किसी भी वैकल्पिक कार्रवाई के लिए तैयार करने के लिए है।
और पढ़ें: फेडरल अपील अदालत ने ट्रंप के आयात शुल्क को अवैध ठहराया, अब आगे क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट ट्रम्प टैरिफ़ को वैध ठहराती है तो यह अमेरिकी व्यापार नीति में स्थायित्व लाएगा, लेकिन किसी भी अप्रत्याशित चुनौती या कानूनी विवाद की स्थिति में Plan B आवश्यक साबित हो सकता है।
बेसेंट के बयान ने अमेरिकी आर्थिक और व्यापारिक नीतियों पर ध्यान केंद्रित किया है और संकेत दिया है कि सरकार भविष्य में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
और पढ़ें: अमेरिकी अपील अदालत ने ट्रंप के वैश्विक शुल्क को अवैध बताया, लेकिन फिलहाल लागू रहने दिया