उत्तर भारत में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जम्मू-कश्मीर स्थित वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन की कई घटनाओं में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है। भारी बारिश के कारण तीर्थयात्रियों और स्थानीय निवासियों को गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए विशेषकर पहाड़ी और निचले इलाकों के लोगों से घरों के भीतर रहने और आधिकारिक सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की अपील की है। अधिकारियों के अनुसार, बारिश का सिलसिला अभी जारी रहने का अनुमान है, जिससे भूस्खलन और अचानक बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है।
राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर चलाए जा रहे हैं। एनडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं। यात्रा मार्ग को एहतियातन बंद कर दिया गया है और तीर्थयात्रियों से फिलहाल यात्रा स्थगित करने का आग्रह किया गया है।
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प्रशासन ने बताया कि कई सड़कों और पुलों को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे राहत सामग्री की आपूर्ति बाधित हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और असंतुलित निर्माण कार्यों के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं।
सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा देने और घायलों को त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की है। प्रभावित इलाकों में आपातकालीन सेवाओं को तैनात किया गया है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
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