भारतीय रेलवे वंदे भारत ट्रेनों में परोसे जाने वाले भोजन के मेन्यू में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को अधिकारियों को निर्देश दिए कि वंदे भारत ट्रेनों में क्षेत्र-विशेष के स्थानीय व्यंजन शामिल किए जाएं। इस पहल का उद्देश्य यात्रियों को बेहतर अनुभव देना और उन इलाकों की संस्कृति व खान-पान की झलक दिखाना है, जिन क्षेत्रों से होकर ये ट्रेनें गुजरती हैं।
रेल मंत्रालय के अनुसार, अब तक वंदे भारत ट्रेनों में एक समान प्रकार का भोजन परोसा जाता रहा है, लेकिन नए निर्देशों के बाद मेन्यू में स्थानीय स्वाद को प्राथमिकता दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर, दक्षिण भारत से गुजरने वाली ट्रेनों में इडली, डोसा, सांभर जैसे व्यंजन, जबकि उत्तर भारत के रूट पर चलने वाली ट्रेनों में पराठा, कढ़ी, दाल और अन्य पारंपरिक पकवान शामिल किए जा सकते हैं। इसी तरह पूर्व और पश्चिम भारत के मार्गों पर वहां की प्रसिद्ध स्थानीय डिशेज को मेन्यू का हिस्सा बनाया जाएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि इस बदलाव से यात्रियों को न केवल स्वादिष्ट भोजन मिलेगा, बल्कि भारत की विविध सांस्कृतिक पहचान भी सामने आएगी। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना को भी मजबूत करेगा, क्योंकि इससे स्थानीय खाद्य उत्पादों और पारंपरिक व्यंजनों को बढ़ावा मिलेगा।
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रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस नई सुविधा को पहले चरण में वंदे भारत ट्रेनों में लागू किया जाएगा। यात्रियों की प्रतिक्रिया और संचालन अनुभव के आधार पर इसे धीरे-धीरे अन्य प्रीमियम और लंबी दूरी की ट्रेनों तक विस्तृत किया जाएगा।
भारतीय रेलवे का मानना है कि आधुनिक ट्रेनों में सुविधाओं के साथ-साथ भोजन की गुणवत्ता और विविधता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। क्षेत्रीय व्यंजनों को शामिल करने से वंदे भारत ट्रेनें केवल तेज और आधुनिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी यात्रियों के लिए खास अनुभव बनेंगी।
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