बेंगलुरु में आयोजित ‘वोट अधिकार रैली’ के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कर्नाटक में कथित “वोट चोरी” के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के वोटर डेटा में मिली गड़बड़ियां एक गंभीर अपराध का सबूत हैं।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से मांग की कि पिछले 10 वर्षों की इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची सार्वजनिक की जाए। साथ ही, उन्होंने सभी मतदान केंद्रों के वीडियो रिकॉर्डिंग साक्ष्य जारी करने की भी अपील की, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और जनता को सच पता चल सके।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में हेरफेर लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करता है और यह केवल चुनावी प्रक्रिया ही नहीं, बल्कि जनता के विश्वास पर भी आघात है। राहुल ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर विसंगतियां पाई गई हैं, जो चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करती हैं।
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राहुल गांधी ने कहा कि यह सिर्फ कर्नाटक का मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे देश के लोकतांत्रिक ढांचे से जुड़ा मामला है। अगर मतदाता सूची में हेरफेर को रोकने के लिए कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो चुनावी प्रक्रिया पर से जनता का भरोसा खत्म हो सकता है।
रैली में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक मौजूद थे, जिन्होंने “वोट चोरी बंद करो” के नारे लगाए। राहुल ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि जनता के वोट का अधिकार छीनना, संविधान और कानून दोनों के खिलाफ है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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