सीपीआई(एम) के दिग्गज नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और उन्हें अंतिम विदाई दी। यह दृश्य किसी जननायक के घर वापसी जैसा था, जिसमें आम नागरिकों से लेकर राजनीतिक हस्तियों तक, हर किसी ने अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि दी।
अच्युतानंदन की अंतिम यात्रा तिरुवनंतपुरम में उनके निवास स्थान से शुरू होकर सार्वजनिक श्रद्धांजलि स्थलों से होते हुए अंत्येष्टि स्थल तक पहुंची। पूरे मार्ग पर लोगों की भीड़ उमड़ी रही — किसान, मजदूर, युवा, बुज़ुर्ग, हर कोई अपने नेता की एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़ा।
सीपीआई(एम) के महासचिव सीताराम येचुरी, राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, विपक्ष के नेता और अन्य दलों के नेताओं ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। सभी ने अच्युतानंदन के सादगीपूर्ण जीवन, ईमानदारी और जनहित के लिए किए गए संघर्षों को याद किया।
अच्युतानंदन का जीवन एक राजनीतिक आदर्श और जनता से जुड़े नेता की मिसाल रहा। उन्होंने भूमि सुधारों, पारदर्शी प्रशासन और श्रमिकों के अधिकारों के लिए निर्णायक संघर्ष किए। उनकी लोकप्रियता किसी एक विचारधारा से परे थी और यही कारण है कि उनकी अंतिम यात्रा एक सार्वजनिक आंदोलन में बदल गई।
उनकी यादें, विचार और संघर्ष भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।