विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने रविवार को कटिहार, किशनगंज और अररिया में आयोजित जनसभाओं में केन्द्र सरकार के वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि अगर INDIA ब्लॉक सत्ता में आता है तो यह अधिनियम 'डस्टबिन' में फेंक दिया जाएगा।
जनसभाओं में तेजस्वी ने कहा कि उनके पिता और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कभी देश में संप्रदायिक ताकतों के साथ समझौता नहीं किया। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह ऐसे ताकतों का समर्थन करते रहे हैं जिनके कारण आरएसएस और उसकी सहायक संस्थाएँ राज्य व देश में संप्रदायिक भावना फैला रही हैं। तेजस्वी ने बीजेपी पर भी तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्हें 'भारत जलाओ पार्टी' कहा जाना चाहिए।
तेजस्वी के रैलियों में उन्होंने मुस्लिम-बहुल जिलों में विशेष तौर पर समुदाय के सामने अपने स्वतंत्रता और सुरक्षा के संदेश दिए। उन्होंने वादा किया कि INDIA गठबंधन की सरकार बनते ही वक्फ से जुड़े मसलों पर फिर से विचार होगा और प्रभावित समुदायों की संवेदनशीलताओं का सम्मान सुनिश्चित किया जाएगा।
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राजनीय विश्लेषकों का कहना है कि तेजस्वी का यह कड़ा रुख और आरोपभार चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जिससे अल्पसंख्यक क्षेत्रों में जनसमर्थन खींचने की कोशिश की जा रही है। विपक्षी नेता के बयान ने राज्य के चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया है, जहां सभी पार्टियाँ अंतिम चरण के प्रचार-प्रसार में जुटी हैं।
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