पश्चिम बंगाल सरकार ने मतदाता सूची के संशोधन में कथित गड़बड़ी के आरोपों को लेकर चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। हालांकि अब तक किसी के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की गई है।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत हाल ही में नई दिल्ली में चुनाव आयोग (EC) के सामने पेश हुए थे। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने उन्हें कथित रूप से यह निर्देश दिया था कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कदम उठाए जाएं। आयोग ने मुख्य सचिव को कथित तौर पर एक समयसीमा दी थी, जिसके भीतर न केवल निलंबन बल्कि आपराधिक कार्रवाई की शुरुआत के लिए एफआईआर भी दर्ज करने को कहा गया था।
हालांकि, अभी तक केवल निलंबन की कार्रवाई की गई है और एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। इस मामले पर राज्य सरकार की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं हुआ है। चुनाव आयोग ने हाल ही में मतदाता सूची के संशोधन कार्य की समीक्षा की थी, जिसके दौरान कुछ अनियमितताओं की शिकायतें सामने आईं थीं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि मतदाता सूची में गड़बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है और इस तरह के मामलों में त्वरित एवं कठोर कार्रवाई आवश्यक है। चुनाव आयोग इस पूरे मामले पर बारीकी से नजर रख रहा है और आगे की कार्रवाई की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा है।
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