पिछले पांच दशकों में हमारे खानपान और जीवनशैली में आए बदलावों ने वजन घटाना पहले से कहीं ज्यादा कठिन बना दिया है। जैक मॉस्ले, Food Noise: How weight loss medications & smart nutrition can silence your cravings के लेखक, बताते हैं कि आधुनिक खाद्य परिदृश्य, प्रोसेस्ड फूड्स और लगातार बढ़ती कैलोरी-युक्त डाइट ने मोटापे को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
मॉस्ले के अनुसार, हमारे मस्तिष्क और आंत (गट) पर इन बदलावों का सीधा प्रभाव पड़ा है। पहले जहां पारंपरिक आहार में प्राकृतिक पोषक तत्व अधिक होते थे, अब उच्च शर्करा, नमक और वसा वाले खाद्य पदार्थ आसानी से उपलब्ध हैं, जिससे भूख और क्रेविंग्स बढ़ जाती हैं।
इस परिदृश्य में GLP-1 वर्ग की दवाएं, जैसे ओजेम्पिक, वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। ये दवाएं न केवल आंत में शर्करा और वसा के अवशोषण को नियंत्रित करती हैं, बल्कि मस्तिष्क में भूख को भी दबाती हैं। इससे भोजन की इच्छा कम होती है और कैलोरी सेवन घटता है।
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हालांकि, मॉस्ले चेतावनी देते हैं कि केवल दवाओं पर निर्भर होना खतरनाक हो सकता है। ओजेम्पिक जैसी दवाएं प्रभावी जरूर हैं, लेकिन इनके संभावित दुष्प्रभाव और लंबे समय तक उपयोग से जुड़े जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वे कहते हैं कि इन दवाओं का इस्तेमाल केवल चिकित्सकीय परामर्श के तहत ही होना चाहिए और इसे स्वस्थ पोषण और जीवनशैली में बदलाव के साथ जोड़ा जाना चाहिए।
अंततः, वजन घटाने का सबसे स्थायी समाधान संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और मानसिक अनुशासन है। दवाएं केवल सहायक उपकरण हो सकती हैं, इच्छाशक्ति और सही पोषण का विकल्प नहीं।
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