कांग्रेस कार्य समिति (CWC) के सदस्य गिदुगु रुद्र राजू ने जोर देकर कहा है कि आंध्र प्रदेश की पार्टी YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की अनौपचारिक साझेदार बन गई है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि YSRCP की वर्तमान राजनीतिक रणनीति और निर्णय केंद्र सरकार के साथ सहयोग की दिशा में संकेत दे रहे हैं।
गिदुगु रुद्र राजू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि YSRCP ने हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं जो सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से NDA के पक्ष में गए हैं। उनका यह भी कहना था कि राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में ऐसे कदम कांग्रेस और विपक्ष के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों के बीच सहयोग या समझौता स्वाभाविक है, लेकिन YSRCP की भूमिका इतनी स्पष्ट रूप से एनडीए के पक्ष में दिखना लोकतांत्रिक प्रक्रिया और विपक्षी दलों के संतुलन के लिए खतरनाक हो सकता है। रुद्र राजू ने चेतावनी दी कि इस तरह के कदम जनता की नीतिगत अपेक्षाओं और मतदाताओं के विश्वास को प्रभावित कर सकते हैं।
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उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विपक्षी दलों को YSRCP के रुझानों का अध्ययन करते हुए रणनीति तैयार करनी होगी, ताकि राज्य और केंद्र स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में संतुलन बना रहे। गिदुगु रुद्र राजू ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से अपील की कि वे इस स्थिति को गंभीरता से लें और सभी आवश्यक कदम उठाएं।
YSRCP के राजनीतिक रुख और केंद्रीय सरकार के साथ उसके संबंधों को लेकर यह बयान राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में व्यापक चर्चा का विषय बन गया है। इस बयान से साफ संकेत मिलता है कि विपक्षी दल अब YSRCP की रणनीति पर नजर रखे हुए हैं और आगामी राजनीतिक परिदृश्य में इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
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